ताइवान की पहली स्वनिर्मित पनडुब्बी ‘हाइकुन’ का लोकार्पण किया

ताइवान, पूर्वी एशिया का एक स्व-शासित द्वीप, चीन के संभावित हमले की स्थायिता को देखते हुए अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की ओर अग्रसर हो रहा है। इस संदर्भ में, ‘हाइकुन’ नामक घरेलू निर्मित पनडुब्बी का अनावरण एक ऐतिहासिक घटना है।

हाइकुन का अनावरण न केवल ताइवान की सैन्य प्रौद्योगिकी में एक नई उच्चाई को दर्शाता है, बल्कि यह दुनिया को यह भी बताता है कि ताइवान स्वतंत्रता और स्वायत्तता की संरक्षा के प्रति कितना समर्पित है। यह पनडुब्बी ताइवान के सागरीय सीमा की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब चीन के साथ संबंध और भी जटिल हो रहे हैं।

राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन का बंदरगाह शहर काऊशुंग में आयोजित इस लॉन्च समारोह में सहभागिता लेना भी इस घटना के महत्व को प्रकट करता है। उनकी उपस्थिति से यह स्पष्ट होता है कि ताइवान की सरकार किसी भी परिस्थिति में अपनी सुरक्षा और प्राथमिकताओं पर समझौता नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ताइवान, जिसे आधिकारिक तौर पर चीन गणराज्य के रूप में संज्ञानित किया जाता है, और मुख्य चीन के बीच के संबंध इतिहास में हमेशा से जटिल रहे हैं। यह संबंध लगातार बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य, विदेशी हस्तक्षेप और क्षेत्रीय सत्ता संघर्षों के माध्यम से विकसित हुआ है।

ताइवान, एक पूर्ण रूप से विकसित और लोकतांत्रिक द्वीप राष्ट्र, अब तक अपनी आजादी और स्वायत्तता की संरक्षा के लिए लड़ रहा है। वहीं, मुख्य चीन इसे अपने संघ का अभिन्न हिस्सा मानता है और ताइवान के स्वतंत्रता की मांग को चुनौती देता है।

चीन और ताइवान के बीच विवाद न केवल उन दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह विवाद संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अन्य बड़े शक्तियों के लिए भी चिंताजनक है, जो क्षेत्रीय संतुलन और शांति की बरकरार रखने में रूचि रखते हैं।

अमेरिका ने चेतावनी जारी कर दी है कि चीन कुछ ही समय में ताइवान पर सैन्य आक्रमण कर सकता है, जो इस संघर्ष को एक नई तरह से प्रकट कर सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में, ताइवान ने अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत करने और अपने सहयोगी देशों से समर्थन प्राप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

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