श्रीनिवासन खड़कवासला के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी के प्रमुख उपाधिप्राप्तक हैं, जिन्होंने 1987 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में प्रवेश किया था। श्रीनिवासन ने अपने सेवा समय में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन पराक्रम जैसे महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में अहम भूमिका निभाई है। लेफ्टिनेंट जनरल श्रीनिवासन की प्रमुख विशेषता भारत के सीमा भागों में सेवा करना है, जिसमें लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर प्रमुख हैं। उनके व्यापक ज्ञान और अनुभव उन्हें इन क्षेत्रों के ढांचे और जरूरतों को समझने की विशेष क्षमता प्रदान करते हैं।
सीमा सड़क संगठन, जिसे बीआरओ के रूप में जाना जाता है, भारत की सीमा प्रदेशों में सड़कों और पुलों का निर्माण करने वाला प्रमुख संगठन है। यह संगठन देश के सबसे कठिन प्रदेशों में सुगमता पहुँचाने का कार्य करता है, जिससे जनता को जीवन में सुविधा होती है और सेना के लिए भी पहुंच आसान होती है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी के सेवानिवृत्त होने के उपरांत, इस संगठन की बागडोर अब लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन के हाथों में है। उन्होंने शनिवार को बीआरओ के 28वें महानिदेशक के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी संभाली।
लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन का यह नियुक्ति बीआरओ के लिए एक नई ऊर्जा और नई दिशा लाने का संकेत है। उनके अनुभव और ज्ञान संगठन के लिए अत्यंत मौलिक होंगे, खासकर जब संगठन नई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
बीआरओ की अहम भूमिका और उसकी चुनौतियाँ देखते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन के आगमन से आशा है कि उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा। उनकी नेतृत्व शैली, संगठनात्मक क्षमता और अभिगम को ध्यान में रखते हुए, आने वाले दिनों में बीआरओ के लिए बहुत कुछ अच्छा हो सकता है।
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