सितंबर में भारत में विद्युत की मांग पांच साल की सबसे अधिक स्तर पर पहुंची

क्रिसिल एमआई एंड ए, जो वित्तीय और बाजार संबंधित जानकारियों का एक मुख्य स्रोत है, ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें सितंबर 2023 में भारत की बिजली मांग की प्रभावशाली वृद्धि का उल्लेख किया गया है। आइए इस रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों और टिप्पणियों पर विचार करें।

  1. प्रभावशाली वृद्धि: सितंबर 2023 में भारतीय विद्युत मांग पिछले पांच सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंची। यह उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि और औद्योगिकीकरण की गति को दर्शाता है।
  2. वृद्धि के प्रमुख कारक: भारत में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि, नए निवेश, और शहरीकरण की तेज गति इस वृद्धि के प्रमुख कारक माने गए हैं।
  3. चुनौतियां: रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस तरह की तेज़ वृद्धि से बिजली उत्पादन और वितरण क्षेत्र में चुनौतियां भी आ सकती हैं। जैसे – ऊर्जा संचारण की क्षमता, ऊर्जा संग्रहण, और पारिस्थितिकी तनाव।
  4. आगामी चरण: रिपोर्ट में सुझाव दिए गए हैं कि भारत को अपनी ऊर्जा प्रतिस्पर्धा, ऊर्जा पुनः प्रयोग, और अधिक सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से संचारण प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है।

बिजली की मांग बढ़ी

भारत, जिसे विकसित हो रहे देशों में सबसे तेज़ी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था का हिस्सा माना जाता है, ने सितंबर में अपनी बिजली की मांग में अद्वितीय वृद्धि देखी। यह मांग 140-142 बिलियन यूनिट तक पहुंच गई, जो पिछले पांच सालों का सर्वोत्तम आंकड़ा है।

इस वृद्धि के बावजूद, अगस्त की तुलना में सितंबर महीने में बिजली की मांग में लगभग ७ प्रतिशत की कमी आई। अगस्त महीने को 122 वर्षों में सबसे अधिक शुष्क माना गया, जिससे विद्युत मांग में असमानता आई। इस अधिक शुष्कता की स्थिति ने जल विद्युत संयंत्रों में उत्पादन की क्षमता को प्रभावित किया, जिससे बिजली की प्रदान में असमानता हो सकती है।

इसके अलावा, अगस्त महीने की उचित शुष्कता के कारण कई औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन में अवसाद देखने को मिला, जिससे विद्युत की मांग में घातक असर पड़ा।

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