पैरालिंपिक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने भाला फेंक में नया विश्व रिकॉर्ड स्थिरित किया

हांग्जो एशियाई पैरा खेलों के मंच पर, जब सुमित अंतिल ने 73.29 मीटर तक भाला फेंका, तो पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें सिर्फ विश्व रिकॉर्ड तक पहुंचाया ही नहीं, बल्कि उन्हें उस समय का स्वर्ण पदक भी दिलाया।

सुमित अंतिल, जिनका नाम पैरालिंपिक खेलों में भाला फेंक के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है, ने अपने प्रदर्शन से एक बार फिर उम्मीदों पर खरा उतरा। वे अबतक के अपने ही विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने में सफल रहे हैं, और इसे बेहतर बनाने का प्रयास किया है।

इस एशियाई पैरा खेलों में, भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया। प्रतियोगिताओं के तीसरे दिन तक ही भारत ने 30 पदक जीते, जिसका नेतृत्व सुमित अंतिल ने किया। उनका यह प्रदर्शन न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण था।

हम जब खेल की दुनिया की चर्चा करते हैं, हम आमतौर पर समर्थ एथलीटों को ध्यान में रखते हैं। हालांकि, खेल की जो असली भावना है, वह उन एथलीटों में भी दिखाई पड़ती है जो जीवन की मुश्किलों का सामना करते हुए भी अद्वितीय प्रदर्शन करते हैं। F64 श्रेणी इसी आदान-प्रदान का हिस्सा है।

F64 श्रेणी उन एथलीटों से संबंधित है जिनका एक पैर विच्छेदन हो चुका है। यह विच्छेदन जन्म से हो सकता है या किसी दुर्घटना के कारण। लेकिन यह एक बात निश्चित है कि इस श्रेणी के एथलीट प्रोस्थेटिक्स का उपयोग करके खेल में भाग लेते हैं।

प्रोस्थेटिक्स तकनीकी उपकरण होते हैं जो विच्छेदित अंग की कमी को पूरा करते हैं। इसके बजाय कि यह सीमा बन जाए, यह उन एथलीटों को एक नई जीवन शैली और उच्च प्रदर्शन की ओर मार्गदर्शन करता है।

F64 श्रेणी में प्रतियोगिता के चलते, ये खिलाड़ी अपनी साहसिकता, संघर्ष और समर्पण को दिखाते हैं। उनका प्रदर्शन न सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरे समाज को भी प्रेरित करता है।

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