चुनाव आयोग के अगले राष्ट्रीय आइकन होगें अभिनेता राजकुमार राव

अभिनेता राजकुमार राव का नाम हिंदी फिल्म जगत में अद्वितीय है। उन्होंने अनेक फिल्मों में अपनी प्रतिभा और कला का प्रदर्शन किया है, जिसमें “न्यूटन” विशेष रूप से प्रमुख है। इस फिल्म में वह एक सिद्धांतवादी सरकारी क्लर्क के रूप में दर्शाये गए थे, जिसने चुनाव की प्रक्रिया को सही रूप में संचालित करने के लिए अपनी जिंदगी की जोखिम में डाल दी।

वही भूमिका उन्हें असल जीवन में भी निभाने का मौका प्राप्त हुआ है। राजकुमार राव को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा गया है। इस सम्बंध में, चुनाव आयोग ने उन्हें अपना राष्ट्रीय आइकन मानते हुए इस जिम्मेदारी के लिए चुना।

यह नियुक्ति न केवल राजकुमार राव की पहचान और उनके करियर को एक नई ऊंचाई देगी, बल्कि यह उन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जहाँ उनकी प्रतिष्ठा और उनकी भूमिका के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में अधिक लोगों को शामिल होने की उम्मीद है।

राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के जरिए नागरिक सहयोग की बढ़ोत्तरी सुनिश्चित करना

भारत, जिसे विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र माना जाता है, उसमें चुनावी प्रक्रिया एक अद्वितीय भूमिका निभाती है। चुनाव आयोग, जो इस प्रक्रिया की समूचितता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करता है, नागरिकों में मतदान की भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष पहल करता है।

इसी दिशा में, आयोग ने राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में विभिन्न प्रमुख व्यक्तियों को नियुक्त किया है, जो समाज में उनके अद्वितीय योगदान के लिए पहचाने जाते हैं। इन राष्ट्रीय प्रतीकों की भूमिका मात्र चेहरे के रूप में नहीं होती, वे वास्तव में नागरिकों को मतदान के महत्व और उससे संबंधित कर्तव्यों के प्रति जागरूक और प्रेरित करते हैं।

राष्ट्रीय प्रतीक, अपनी जीवनी, अच्छे काम और समाज में उनकी पहचान के माध्यम से लोकों में लोकतांत्रिक मूल्यों और मतदान की भावना को बढ़ावा देते हैं। उनका यह कार्य युवा पीढ़ी को विशेष रूप से प्रभावित करता है, जो अभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में शामिल हो रही है।

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