ईरान ने सैन्य उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया

अंतरिक्ष अन्वेषण और विकास के क्षेत्र में हर देश अपने अद्वितीय मार्ग का अनुसरण कर रहा है। इसी प्रयास में ईरान ने हाल ही में अपने तीसरे सैन्य उपग्रह ‘नूर 3’ को सफलतापूर्वक प्रक्षिप्त किया।

27 सितंबर, 2023 को ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा तीन चरणों वाले कासेम रॉकेट का उपयोग करके इस प्रक्षेपण को समर्थित किया गया था। यह उपलब्धि न केवल ईरान के अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक नई मील का पत्थर है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ईरान अंतरिक्ष अन्वेषण के माध्यम से अपने राष्ट्रीय सुरक्षा और संचार उद्देश्यों को कैसे पूरा कर रहा है।

‘नूर 3’ का मिशन ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण अध्याय है। इस उपग्रह की सफलता से ईरान ने न केवल अंतराष्ट्रीय समुदाय में अपनी प्रौद्योगिकी सामर्थ्य का प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि वह अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी अद्वितीय पहचान बना रहा है।

अंतरिक्ष अन्वेषण और प्रौद्योगिकी ने विभिन्न देशों को अपनी सतह की बेहतर और उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों को प्राप्त करने की क्षमता प्रदान की है। ईरान ने इसी प्रयास में अपने नूर उपग्रह सीरीज़ के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान किया है।

नूर 3, जिसे ईरान ने हाल ही में लॉन्च किया, इमेजिंग उपग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की सतह की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों को पकड़ना है, जिससे विभिन्न प्रकार के ज़मीनी संचारण, संरचना, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी का पता चल सकता है।

नूर 3 के पूर्ववर्ती, नूर 1 और नूर 2, उपग्रहों को क्रमशः अप्रैल 2020 और मार्च 2022 में क़ैस्ड रॉकेट का उपयोग करके अंतरिक्ष में प्रेषित किया गया था। यह सीरीज़ ईरान के अंतरिक्ष प्रयासों में उनकी तकनीकी सामर्थ्य और उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग में उनकी प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करती है।

इन उपग्रहों के माध्यम से प्राप्त जानकारी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो सकता है, जैसे कि पारिस्थितिकी अध्ययन, संचार, सुरक्षा, और अन्य वैज्ञानिक अन्वेषण। ईरान के इस अंतरिक्ष मिशन से यह स्पष्ट होता है कि वह अपने अंतरिक्ष प्रयासों को विस्तारित कर और वैज्ञानिक समुदाय में मजबूती प्रदान करना चाहता है।

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