भारतीय संस्कृति और परंपरा में नदियों का विशेष महत्व है। हमारी नदियाँ न केवल जल स्रोत के रूप में हमें जीवन देती हैं, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक, धार्मिक और जीवनशैली का भी हिस्सा हैं। इसी परंपरा को मन में रखते हुए ‘नदी उत्सव’ का चौथा संस्करण 22 सितंबर से 24 सितंबर, 2023 तक आयोजित हो रहा है।
आयोजन का उद्देश्य हमें हमारी नदी संस्कृति से पुनः जोड़ना है। इस उत्सव को आईजीएनसीए (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय केंद्र) के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन और कला जनपद सम्पदा प्रभाग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
यह उत्सव भारत की विविध और समृद्ध नदी संस्कृति को प्रदर्शित करेगा। इसमें विभिन्न राज्यों की नृत्य, संगीत, कला और शैली का प्रदर्शन होगा, जो की भारतीय नदियों के साथ जुड़ी है। इसके अलावा, नदियों के महत्व और उनकी संरक्षण की आवश्यकता पर समझाने वाले सत्र भी होंगे।
उत्सव की सबसे विशेष बात यह है कि इसे पवित्र यमुना नदी के तट पर, दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। यमुना, जो की यमना भी कहलाती है, भारतीय संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण है, और इसे चुनना इस उत्सव के महत्व को और भी बढ़ा देता है।
‘नदी उत्सव’ की सफलता से उम्मीद है कि लोगों में नदियों के प्रति जागरूकता और समझ बढ़ेगी। इससे न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सकेगा, बल्कि इससे नदियों की संरक्षण के प्रति जागरूकता और समझ भी बढ़ेगी।
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