21 सितंबर का दिन मध्य प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया। इस दिन, राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 8 वीं सदी के महान आध्यात्मिक नेता आदि शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया।
आदि शंकराचार्य, जिन्हें आमतौर पर आदि गुरु या जगतगुरु के रूप में संदर्भित किया जाता है, ने सनातन धर्म को मजबूती प्रदान की थी और अध्यात्म की अद्वितीयता को समझाया था। वे न केवल भारतीय धार्मिकता के महान विचारक थे, बल्कि वे अध्यात्म, दर्शन और धर्म के क्षेत्र में भारतीय समाज को एक नई दिशा प्रदान करने वाले मार्गदर्शक भी थे।
प्रतिमा का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि यह प्रतिमा सिर्फ एक पाथर की मूर्ति नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। इस प्रतिमा के माध्यम से, नए पीढ़ी को भारतीय संस्कृति, इतिहास और धार्मिकता की महत्वपूर्णता को समझाने की कोशिश की जा रही है।
राजनीतिक गतिशीलता के बीच इस प्रकार की पहल हमें यह दिखाती है कि हमें अपनी जड़ों, संस्कृति और परंपरा से जुड़े रहना चाहिए। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करता है कि हमारी पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को समझे और सम्मान करे।
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