अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सैन्य अभ्यासों का महत्व किसी परिचय की जरूरत नहीं है। जब किसी देश की सेना अपने संजीवनी साथी से मिलकर अभ्यास करती है, तो यह दोनों देशों के बीच समझदारी और आपसी विश्वास को प्रदर्शित करता है।
जब भारतीय वायु सेना (IAF) ने मिस्र में आयोजित ब्राइट स्टार-23 में भाग लिया, तो यह भारत और मिस्र के बीच गहराए गए संबंधों का प्रतीक बन गया। इस अभ्यास की विशेषता यह थी कि भारत पहली बार इसमें शामिल हुआ।
काहिरा में आयोजित इस अभ्यास में संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर के सैन्य दल भी शामिल हुए थे। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त रूप से अभियानों की योजना और कार्यान्वयन में सामंजस्य साधना, संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाना और पारसीमा संबंधों को बढ़ावा देना था।
भारतीय वायु सेना ने अपने विमान, विशेष बल और कर्मी इस अभ्यास में भेजे। साथ ही, वायु सेना ने भारतीय सेना के कर्मियों के लिए एयरलिफ्ट सहायता भी प्रदान की, जिससे संयुक्त अभ्यास में सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया गया।
यह कदम भारत और मिस्र के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच राजनीतिक, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
आखिरकार, ब्राइट स्टार-23 अभ्यास ने भारतीय वायु सेना को न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित होने का मौका दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अपने संजीवनी साथियों के साथ संयुक्त रूप से कार्य कर सकता है और वैश्विक मुद्दों का सामना कर सकता है।
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