उष्णकटिबंधीय तूफान ‘ग्रेग’ ताजा अपडेट्स और सलाह

सेंट्रल पैसिफिक हरिकेन सेंटर के मुताबिक, तूफान ग्रेग हवाई के 500 मील दक्षिण में से होकर जाएगा। जबकि इसकी प्रस्थिति पथ ‘डोरा’ से मिलती-जुलती लगती है, ग्रेग की अपेक्षाकृत कम तीव्रता, जिसकी बाहरी भाग की हवाएँ तूफान के केंद्रिक भाग से मात्र 35 मील दूर हैं, उसके कम प्रभाव वाली स्वभाव को स्पष्ट करती है। इस प्रकार, विज्ञानियों की भविष्यवाणी है कि ग्रेग जंगल में आग की स्थिति को डोरा की तरह प्रभावित नहीं करेगा।

जब प्रकृति अपनी ताकद में होती है, तो मनुष्य उसके आगे अधिक कुछ नहीं कर सकता है। एक ऐसी ही उदाहरण हम उष्णकटिबंधीय तूफ़ान ‘ग्रेग’ के माध्यम से देख रहे हैं, जो वर्तमान में हवाई की ओर बढ़ रहा है। तूफान की इस चेतावनी से इस क्षेत्र में जो पहले से जंगल की आग के प्रकोप से जूझ रहा है, उसके लिए स्थिति और भी जटिल हो गई है।

हवाई, जिसे स्वर्ग की भांति माना जाता है, वहाँ के निवासियों के लिए अब इस तूफ़ान से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जंगल की आग के चलते पहले ही वहाँ की पारिस्थितिकी व्यवस्था में असंतुलन पैदा हो चुका है, और अब इस तूफ़ान के चलते और अधिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि तूफ़ान ‘ग्रेग’ और उत्तरी उच्च दबाव प्रणाली के बीच होने वाली संभावित बातचीत का अध्ययन जरूरी है, ताकि इसके आने वाले प्रभाव को समझा जा सके। हालांकि, उनका अनुमान है कि इस तूफ़ान की तीव्रता ‘डोरा’ जैसी नहीं होगी, लेकिन इसे हल्के में लेना भी उचित नहीं होगा।

इस समय की मांग है कि प्रशासन, नागरिक और संबंधित संस्थाएँ मिलकर इस संकट का सामना करें। प्राकृतिक प्रकोप के खिलाफ संघर्ष में मानवता को अकेला नहीं पड़ना चाहिए।

आशा है कि हम सभी मिलकर इस संकट को पार करेंगे और पुनः हवाई को उसकी सहज और शांत प्रकृति में लौटायेंगे। इसे ही सच्ची मानवता और सहयोग कहते हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*