गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) को 1 अक्टूबर से अतिरिक्त छह महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।
यह फैसला मार्च में हुए पिछले विस्तार के बाद आया है और यह दिखाता है कि क्षेत्र में आंतरिक सुरक्षा संबंधी चिंताओं को संजीवनी दी जा रही है।
एएफएसपीए एक ऐसा कानूनी उपकरण है जिसके तहत सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार प्रदान किए जाते हैं, जिससे वे क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रख सकें। हालांकि, इसके लाभ और हानियां दोनों ही हैं। जहाँ एक ओर यह सशस्त्र बलों को अपराध और अवैध गतिविधियों के खिलाफ तेज और प्रभावी कार्रवाई करने में मदद करता है, वहीं दूसरी ओर इसका अत्यधिक प्रयोग कभी-कभी स्थानीय जनता में असंतोष उत्पन्न कर सकता है।
नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में विभाजनात्मक गतिविधियों और समर्थन की बढ़ती हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय को लिया गया है। हालांकि, सरकार को इस निर्णय का संतुलित और समझदारी से प्रयोग करना होगा ताकि स्थानीय समुदाय की भावनाओं का सम्मान किया जा सके।
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