UPSC के सदस्य के रूप में डॉ. दिनेश दासा ने शपथ ली

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के गलियारों में आज डॉ. दिनेश दास का नाम खूब गूंज रहा है, लेकिन इस शीर्ष पद तक पहुंचने का उनका सफर कोई खास आसान नहीं था। वानिकी और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उनकी योग्यता और अध्ययन की गहरी समझ ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दी है।

डॉ. दास ने अपनी अध्ययन जीवन की शुरुआत वानिकी से की थी और उन्होंने इस क्षेत्र में अनेक विशेषताएं और नवाचार प्रस्तुत किए। उनके योगदान से भारतीय वानिकी में सुधार और नवाचार की तरंग आई।

फिर उन्होंने सार्वजनिक सेवा में कदम रखा और गुजरात लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने उस संगठन में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए। उनकी नेतृत्व शैली, अद्वितीय दृष्टिकोण और अनभिगत संवेदनशीलता से उन्हें उनके सहकर्मियों और प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों की समर्थन और सम्मान प्राप्त हुई।

हाल ही में, जब उन्होंने यूपीएससी के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली, तो इसे उनके उत्कृष्टता पूर्ण करियर का एक और महत्वपूर्ण अध्याय माना गया।

डॉ. दास का विश्वास है कि सार्वजनिक सेवा परीक्षाएं एक देश के नागरिक सेवा प्रणाली के नींव के रूप में कार्य करती हैं और उन्हें आधुनिक, प्रौद्योगिकी-प्रवृत्त और समझदार तरीके से संचालित किया जाना चाहिए।

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