भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (सीबीयूएई) ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं, भारतीय रुपया (INR) और संयुक्त अरब अमीरात दिरहम (AED) के उपयोग को सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया गया है। स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (एलसीएसएस) निर्यातकों और आयातकों को अपनी संबंधित घरेलू मुद्राओं में चालान और भुगतान करने में सक्षम बनाने का उद्देश्य है। इससे विदेशी मुद्रा बाजार की सुविधा बढ़ाए जाने की उम्मीद है। स्थानीय मुद्राओं का उपयोग संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीयों के प्रेषण सहित विभिन्न लेनदेन के लिए लेनदेन लागत और निपटान समय को अनुकूलित करता है। इस प्रतिष्ठान के माध्यम से दोनों देशों के बीच निवेश और प्रेषण को बढ़ावा मिलने, द्विपक्षीय व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।
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