एसओपी: केरल की स्वास्थ्य पहल

केरल स्वास्थ्य विभाग ने वन हेल्थ पहल के तहत एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य कम से कम आठ संक्रामक रोगों के प्रकोप की जांच और नियंत्रण करना है। यह भारत में पहली बार है कि वन हेल्थ प्लेटफॉर्म पर राज्य स्तर पर इस तरह के व्यापक दिशानिर्देश विकसित किए जा रहे हैं। एसओपी का मुख्य उद्देश्य है जिलों में प्रारंभिक रोग निगरानी, ​​रोकथाम और नियंत्रण तंत्र स्थापित करना।


वन हेल्थ परियोजना, जो केरल सरकार द्वारा आयोजित की जा रही है, एक महत्वपूर्ण पहल है जो समुदाय-आधारित रोग निगरानी नेटवर्क की स्थापना के लिए उद्देश्यित है। इस परियोजना के तहत, केरल के चार जिलों – अलाप्पुझा, पथानामथिट्टा, कोट्टायम, और इडुक्की में विश्व बैंक सहायता प्राप्त पुनर्निर्माण केरल परियोजना के हिस्से के रूप में कार्यान्वित की जा रही है।

यह परियोजना उन समुदायों को सामाजिक संक्रामक रोगों से बचाव करने में सहायक होगी, जो अक्सर जल्दी से फैल जाने वाले रोगों के खिलाफ संघर्ष करते हैं। इस परियोजना के तहत, स्थानीय स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है जो अपने इलाके में जानवरों और पक्षियों की असामान्य घटनाओं या मौतों की रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, समुदाय में सामाजिक रूप से सजगता बढ़ती है और सही समय पर उपाय किया जा सकता है।

परियोजना के अंतर्गत, इन चार जिलों में 2.5 लाख स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है, जो प्रत्येक वार्ड में 56 से अधिक हैं। ये स्वयंसेवक अपने इलाके में अनुसंधान करके विभिन्न रोगों के प्रकोप की जानकारी एकत्र करते हैं और इसे स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों तक पहुंचाते हैं। इसके फलस्वरूप, समुदाय में संक्रामक रोगों के प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारा जा सकेगा।

इस प्रकार, वन हेल्थ परियोजना केरल में सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समुदाय के सदस्यों को स्वास्थ्य और सुरक्षा की दिशा में अधिक जागरूक बनाने में मदद करेगा।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*