समुद्र नेविगेशन संपर्क व्यवस्था


भारतीय समुद्री क्षेत्र एक महत्वपूर्ण डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसे हाल ही में स्वदेशी रूप से विकसित डिफरेंशियल ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (डीजीएनएसएस) के उद्घाटन से बल मिला है। यह अत्याधुनिक प्रणाली ‘सागर संपर्क’ नाम से जानी जाती है, और इसका उद्देश्य समुद्री संचालन में दक्षता और प्रभावकारिता को बढ़ाना है, इसे ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ का एक महत्वपूर्ण घटक बनाया गया है।

डीजीएनएसएस प्रणाली का अभिप्राय भारतीय समुद्री क्षेत्र में चल रहे डिजिटल परिवर्तन को और मजबूत करना है। इस प्रणाली के माध्यम से जीएनएसएस की सीमाओं को संबोधित करके, नाविकों को बढ़ी हुई सटीकता और आत्मविश्वास के साथ नेविगेट करने की क्षमता प्रदान की जाती है। इससे उन्हें समुद्री संचार में अधिक निश्चितता और सुरक्षा का अनुभव होता है, जो समुद्री क्षेत्र में सुरक्षित और अधिक उत्तराधिकारी नेविगेशन को संभव बनाता है। डीजीएनएसएस प्रणाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण रेडियो नेविगेशन सहायक प्रणाली है, जो विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), समुद्र में जीवन की सुरक्षा (एसओएलएएस), और नेविगेशन और लाइटहाउस अथॉरिटीज (आईएएलए) द्वारा समुद्री सहायता के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप कार्य करती है। यह उपग्रह प्रणाली समुद्री जीवन के सुरक्षा को सुनिश्चित करने और नेविगेशन के क्षेत्र में अधिक सटीकता उपलब्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इसके माध्यम से समुद्री क्षेत्र के नौकायनों और अन्य समुद्री यात्रियों को आसानी से और सुरक्षित तरीके से समुद्री परिपथों का प्रवेश, पालन, और अनुसरण करने का अवसर प्रदान किया जाता है। इस प्रणाली द्वारा वैश्विक बेंचमार्क और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाता है, जो समुद्री क्षेत्र में सुरक्षित, आधारभूत, और सुविधाजनक नेविगेशन को संभव बनाता है। इस प्रकार, डीजीएनएसएस प्रणाली समुद्री यात्रा में एक महत्वपूर्ण और अपारिवर्तनीय योगदान का प्रतीक बनती है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*