सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन को दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की मंजूरी दे दी। उच्‍चतम न्‍यायालय ने इस संबंध में केंद्र सरकार को तीन महीनों के अन्दर तौर-तरीके निर्धारित करने का निर्देश दिया है।

 न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ न्‍यायालय ने कहा कि सेना में महिला-पुरूष को बराबर नहीं मानने का कोई बहाना स्‍वीकार नहीं किया जा सकता और सबके लिए समान अवसरों की आवश्‍यकता है।।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने सरकार के उस तर्क को भी खारिज कर दिया है जिसमे बताया गया था कि नौसेना में अस्‍थायी कमीशन पर काम कर रही महिला अधिकारियों को समुद्र में नाविक की डयूटी पर तैनात नहीं किया जा सकता, क्‍योंकि नौसेना के रूसी जहाजों में महिलाओं के लिए वॉशरूम नहीं है।

अदालत ने कहा कि ऐसे तर्क 1991 और 1998 की केंद्र की नीति के खिलाफ है, जिसमें नौसेना ने महिला अधिकारियों की भर्ती पर वैधानिक प्रतिबंध हटा लिया गया था।

पीठ ने 2008 में महिला अधिकारियों को नौसेना में स्थायी कमीशन दिए जाने से पहले प्रतिबंधित नीति के संभावित प्रभाव को समाप्त कर दिया। इसनेन्‍यायालय ने उन महिला अधिकारियों को पेंशन का लाभ देने की मंजूरी भी दी जो सेवानिवृत्‍त हो चुकी हैं और जिन्‍हें स्‍थायी कमीशन नहीं दिया गया था।

भारत में नौसेना दिवस 4 दिसंबर को मनाया जाता है.

नौसेना प्रमुख: एडमिरल करमबीर सिंह.

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