भारत अपनी विरासत, सांस्कृतिक धरोहर और विविधता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस विरासत में होयसला मंदिर भी शामिल हैं, जो कर्नाटक के हासन जिले में स्थित हैं। हाल ही में यूनेस्को ने इन मंदिरों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्रदान की है।
होयसला मंदिर, जो बेलूर और हैलेबिड में स्थित हैं, भारतीय मंदिर वास्तुकला के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनमें वास्तुशिल्प और बारीक मूर्तिकला के अद्भुत उदाहरण देखे जा सकते हैं। चेन्नाकेशवा मंदिर और अन्य मंदिरों में उत्कृष्ट तारकीकृत डिज़ाइन, अद्वितीय मूर्तियां और जटिल वास्तुकला है, जिसे देखकर आज भी लोग अच्छंभित हो जाते हैं।
यूनेस्को की इस मान्यता से होयसला मंदिरों की वैश्विक पहचान को मजबूती मिली है। यह भारत के प्राचीन संस्कृति, कला और वास्तुकला की उच्चतम प्राप्तियों की साक्षी है।
इस मान्यता के बाद, अधिक और अधिक पर्यटक इस अद्वितीय स्थल को देखने के लिए आ रहे हैं। इससे स्थानीय समाज और अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो रहा है। होयसला मंदिर अब विश्व स्तर पर उन स्थलों में गिने जा रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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