India-Australia FTA 2022

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के लिए मंगलवार को बड़ा कदम उठाया गया। इसके मद्देनजर ऑस्ट्रेलिया की संसद में भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौता पारित कर दिया गया। अब इस समझौते के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य मुक्त व्यापार के रास्ते खुल गए है।


वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है। हमारी गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है। ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) पर दो अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे। ऑस्ट्रेलियाई सरकार के अनुसार, यह समझौता दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था में ऑस्ट्रेलिया की पैठ को मजबूत करेगा और ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायों को लगभग डेढ़ अरब उपभोक्ताओं के बाजार में अपने संचालन को अनलॉक या विस्तारित करने में सक्षम करेगा।


उन्होंने कहा था कि हम भारत में एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल लेकर जाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण यात्रा होगी और हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा। पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौता ऑस्ट्रेलियाई सेवा कंपनियों और पेशेवरों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश करने का एक बड़ा अवसर होगा।

Free Trade Agreement (FTA) के लाभ :

एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी। समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था।

इस एग्रीमेंट के तहत, ऑस्ट्रेलिया के लगभग 85% निर्यात को भारतीय बाजार में जीरो ड्यूटी पहुंच मिलेगी. जिसमें कोयला, भेड़ का मांस और ऊन उद्योग, ऑस्ट्रेलियाई वाइन, बादाम, दाल आदि शामिल है। इससे दोनों देशों के मध्य बिज़नेस को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही अगले पांच वर्षों में दोनों देशों के मध्य का द्विपक्षीय व्यापार में लगभग दोगुने की वृद्धि का अनुमान है. इसकी मदद से मौजूदा 27.5 अरब डॉलर का आपसी बिज़नेस अगले पांच वर्षों में 45-50 अरब डॉलर तक पहुचने की उम्मीद है।

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