वन नेशन वन फर्टिलाइजर योजना 2022

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पीएम मोदी ने आज पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 के दौरान देश में प्रधान मंत्री भारतीय जन उर्वरक योजना ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’ के तहत एकल ब्रांड ‘भारत’ को लांच किया है। आज के समय में किसानों को गुणवत्तापूर्ण फसल उगाने के लिए  खेती करने में सबसे अधिक आवश्यकता अच्छे खाद एवं उर्वरक की पड़ती है लेकिन देश में खाद-उर्वरकों की बढ़ती हुई कीमतें, काला बाजारी और धांधली के कारण किसानों को खेती करते समय काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी समस्या को रोकने के लिए केंद्र सरकार One Nation One Fertilizer Scheme को शुरू करने जा रही हैं। ताकि रबी एवं खरीफ सीजन के समय किसानों को आसानी से कम कीमतों पर खाद व उर्वरक उपलब्ध करवाया जा सके। अब देश में एकल ब्रांड ‘भारत’ के फर्टिलाइजर बैग होंगे।

वन नेशन वन फर्टिलाइजर योजना का उद्देश्य :

पीएम किसान समृद्धि केंद्र: पीएम मोदी ने इस मौके पर 600 पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएम-केएसके) का भी उद्घाटन किया है। यह भारत के किसानों के लिए वन-स्टॉप-शॉप के रूप में कार्य करेगा जहां से किसान सभी कृषि उत्पादों और अन्य कृषि सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही साथ देश में लगभग 3.3 लाख से अधिक नई दुकानें चरणबद्ध तरीके से पीएम किसान समृद्धि केंद्र के रूप में विकसित की जाएंगी।

भारत के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से 24 अगस्त को यह अधिसूचना जारी की गई थी कि इस योजना के तहत नए उर्वरक बैग 2 अक्टूबर से प्रचलन में आ जाएंगे। One Nation One Fertilizer Scheme 2022 के तहत उर्वरक कंपनियां को उर्वरक बोरी के एक तिहाई हिस्से पर अपना नाम, ब्रांड, लोगों एवं अन्य आवश्यक सूचनाएं देनी होगी और  बोरी के दो तिहाई हिस्से पर भारत ब्रांड और प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना (PMBJP) का लोगो लगाना होगा। देशभर में यह व्यवस्था 2 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। लेकिन निर्माता कंपनियों को नुकसान ना हो इसके लिए सरकार ने उर्वरकों की पुरानी बोरियों की खपत का उपयोग करने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक का समय दिया है।

वन नेशन वन फर्टिलाइजर योजना का महत्व :

रसायन एवं उर्वरक मंत्री मांडविया जी ने बताया है कि केंद्र सरकार किसानों को यूरिया के खुदरा मूल्य के 80% की सब्सिडी देती है। इसी प्रकार डीएपी की कीमत पर 65%, एमपीके की कीमत पर 55%, और पोटाश की कीमत पर 31% सब्सिडी देती है। इसके अलावा उर्वरकों की ढुलाई पर भी सरकार के वार्षिक 6000-9000 करोड़ रुपए लग जाते हैं। उन्होंने ओर यह बताया कि इस समय कई कंपनियां अलग-अलग नाम से उर्वरक बेचती है। इन्हें एक से दूसरे राज्य में भेजने पर ना सिर्फ ढुलाई लागत बढ़ती है बल्कि किसानों को सही समय पर उर्वरक एवं खाद उपलब्ध कराने में भी समस्या आती है।

इसलिए अब केंद्र सरकार एक देश एक उर्वरक द्वारा सब्सिडी देने वाले उर्वरक एक ही ब्रांड के नाम से बाजार में उतारे जाएंगे। यह ब्रांड “भारत ब्रांड”(Bharat Fertilizer)  है। जिससे सब्सिडी वाले उर्वरक-खाद की बढ़ती हुई कीमतों, कालाबाजारी एवं धंधाली पर रोक लग सकेगी और किसानों को सही समय पर कम कीमत पर खाद एवं उर्वरक मिल सकेगा।

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