मिशन गगनयान: रूस एवं भारत के बीच अंतरिक्ष यात्री समझौता

15 अप्रैल 2021 को भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ में सहयोग के लिए इसरो और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. समझौते की घोषणा भारत की यात्रा पर आए फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय के दौरे के दौरान की गई.

चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री सफलतापूर्वक रूस में बुनियादी प्रशिक्षण लेने के बाद बेंगलुरु लौट आए हैं। अब भारतीय वायु सेना के चारों लड़ाकू पायलट जल्द ही इसरो के साथ मिशन विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे जो कई भारतीय शहरों में होगा। इसमें भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वायुसेना के 25 पायलट्स में से चार फाइटर पायलट्स को पिछले साल ‘मिशन गगनयान’ के लिए चुना गया था। इन्हें एक साल का अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लेने के लिए रूस भेजा गया था जहां इन्हें ट्रेनिंग देने के लिए इसरो ने रूसी संगठन ग्लेवकोस्मोस के साथ अनुबन्ध किया था। ट्रेनिंग देने वाली संस्था के महानिदेशक दिमित्री लोसकुतोव का कहना है कि अब इन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को किसी विशेष अंतिम परीक्षा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इन्होंने सभी परीक्षणों और परीक्षाओं में उत्तीर्ण किया है। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने चारों पायलट्स के रूस से प्रशिक्षण पूरा करके भारत वापसी की पुष्टि करते हुए कहा कि वे बेंगलुरु में हैं और जल्द ही मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण शुरू करेंगे जो देश के विभिन्न हिस्सों में होगा। सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों को सक्रिय रखने के लिए उनके पास विमान उड़ान का एक नियमित कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कि ‘मिशन गगनयान’ का भारतीय मॉड्यूल-विशिष्ट प्रशिक्षण बेंगलुरु में होगा, जबकि चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी में जल अस्तित्व परीक्षण और प्रशिक्षण होगा।

प्रश्न-15 अप्रैल 2021 किन  देशों के बीच “मिशन गगनयान” समझौता हुआ ?

(a) भारत एवं रूस

(b) भारत एवं जापान

(c) भारत  एवं अमेरिका

(d) भारत  एवं फ्रांस  

उत्तर-(d)

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