गुजरात में कोयला क्षेत्र पर मंथन के लिए “चिंतन शिविर” का किया गया आयोजन


गुजरात के केवडिया में कोयला क्षेत्र पर मंथन करने के लिए “चिंतन शिविर” आयोजित किया गया। ये सत्र कोयला क्षेत्र को आगे ले जाने के उपायों पर फोकस था। 

सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने की और उन्होंने कहा है कि भारत वित्‍त वर्ष 2023-24 से थर्मल कोल (ताप विद्युत संयंत्रों में उपयोग आने वाला कोयला) का आयात करना बंद कर देगा।

“चिंतन शिविर” की प्रमुख बाते: सत्र में कोयला क्षेत्र के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई और इन मुद्दों को नवाचारी समाधानों की मदद से हल करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया।

प्रतिभागियों ने वित्त वर्ष 2023-24 तक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के एक बिलियन टन उत्‍पादन लक्ष्‍य की प्राप्ति के उपायों पर भी चर्चा की.

सीआईएल, कैप्टिव और वाणिज्यिक खनिकों को 2030 तक अधिक कोयला निकालने में सक्षम बनाने के लिए कोयला मंत्रालय, भारतीय रेल तथा जहाजरानी मंत्रालय के साथ तालमेल करेगा।

कोयला उत्पादन, उत्पादकता, सुरक्षा, स्थिरता आदि में कोयला कंपनियों द्वारा किए गए उपायों की सराहना करने के लिए “कोयला मंत्री पुरस्कार” भी शुरू किया जाएगा।

शिविर में स्‍थायी खनन, पर्यावरण संरक्षण, स्‍वच्‍छ कोयला प्रौद्योगिकी उपयोग तथा कोयला खनन क्षेत्र में लगे सभी हितधारकों को सहायता प्रदान करने के लिए रणनीतियां विकसित की गईं।

यह प्रस्‍ताव भी दिया गया है कि सीआईएल वित्‍त वर्ष 2023-24 तक 5 गीगावॉट सौर विद्युत का उत्‍पादन कर सकती है और 2030 तक 50 मिलियन टन कोयले का गैसीकरण करके अपना विस्‍तार कर सकती है।

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री: प्रह्लाद जोशी

कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष: अनिल कुमार झा

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